दर्द कलम के
शनिवार, 2 फ़रवरी 2013
दो कौड़ी के हो कर रह गए, तेरे दिल के ये जज़्बात,
चूल्हे में फूँक ''नैनी'' अब ये किसी काम के नहीं ....!!
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