दर्द कलम के
शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013
ना बने गर कोई बात, तो हम कुछ यूँ करते हैं,
खरीद लेते हैं, रोज़ नया दर्द, और बयाँ करते हैं ...!!
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