शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

कभी उजाला, कभी अन्धेरा, कभी तेज धूप है जिंदगी,
कभी सन्नाटा, कभी जश्ने-बहारा, कभी अंधकूप है जिंदगी ...!!

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत तफसीले-जिंदगी,
    कलम को आपकी करूं मै बंदगी.

    नैनी जी कमाल कर दिया.

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  4. तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ सर जी ..इस हौंसला अफजाई के लिए / :)

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