दर्द कलम के
रविवार, 3 फ़रवरी 2013
बहुत यकीं था, ऐ अश्को, तुम्हारे ज़ब्त पे मुझे,
पलकों पे आके तुमने, मुझे शर्मिन्दा कर डाला ...!!
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