बहुत हुआ दीवानपन, ऐ दिल अब तो होश कर,
इन बिलबिलाती हसरतों को, अश्कों से खामोश कर__
न मंजिल तेरी हैं वो, उनकी राह के पत्थर,
अब ढूँढ कोई वीराना, या जिंदगी को खानाबदोश कर __!!
इन बिलबिलाती हसरतों को, अश्कों से खामोश कर__
न मंजिल तेरी हैं वो, उनकी राह के पत्थर,
अब ढूँढ कोई वीराना, या जिंदगी को खानाबदोश कर __!!
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